On the auspious Maharashtra day, Vruksharopan was organised !

"Vruksharopan samaroh", was organised On may 1st, of 2016, Maharashtra day, at The Joggers' park, Himalaya CHS, Ghatkopar west,Mumbai !




Manisha shaw, took the lead in organising the event, at 11 am, on Sunday. Interested children took part.



Despande ji,  is planting a small tree !






Do not pluck the flowers.

Among the residents of the colony who were present, Shri. Deshpande, Venkatesh, Shaw, Manisha, Rao saheb. Deshpande spoke to the young children the need of the plants, not only they give shade, they keep the sorroundings atmosphere cool. Morning time we get plenty of oxygen while walking. The number of joggers' over the years has increased manifold ! Children have planted a few flowering plants, crotons, and other shrubs. The park is having Neem tree, Peeple tree, Arecanut, Coconut, Banyian, Gulmohar, Ashoka trees,

Link:  Please play this Video :


https://youtu.be/2ove2Ja14d4





मानव की उत्पत्ति से पूर्व ही वृक्षों का जन्म हो चुका था|वृक्ष आदिकाल से ही मनुष्य के हितैषी रहे हैं|सभी प्रकार के वृक्ष, पेड़-पोधे मनुष्य समाज के लिए सदैव ही उपयोगी  रहे हैं और मनुष्य के जीवन यापन मे महत्वपूर्ण भूमिका निभाते रहे हैं| वृक्षारोपण से हम वृक्षो की संख्या मे वृद्धि कर सकते है । नए नए पेड़ लगाना ताकि वे बड़े होकर वृक्ष का रूप ले ,यही वृक्षारोपण है।




वृक्षारोपण कर हम लगातार कम हो रहे वृक्षो एवं वनों को संरक्षित कर सकते है। वृक्षो को मनुष्य का सच्चा मित्र कहा जाता हैं|वृक्ष हमसे कुछ न लेते हुए भी हमें बहुत कुछ देते हैं जो एक सच्चा मित्र ही कर सकता है|

                    Deshpande ji is explaining the importance of Trees, in our lives.




वृक्षो से हमे मीठे , गुणकारी एवं स्वास्थ्यवर्धक फल प्राप्त होते हैं जो हमारे दैनिक भोजन का एक महत्वपूर्ण अंग होते हैं| कुछ विशेष वृक्ष जैसे सागोन, शीशम  आदि की लकड़ी से फ़र्निचर ,पानी के जहाज ,खेल का समान ,इमारते आदि बनाए जाते हैं जो हमारे दैनिक जीवन एवं देश के विकास मे बहुत महत्व रखते हैं| वृक्षो की छाल,पत्ती , फूलो  आदि से कई विशेष प्रकार की औषधिया बनाई जाती हैं जो  कई  रोगो के इलाज मे उपयोग की जाती हैं|उदाहरण के लिए आयुर्वेद की बहुत सी दवाइयो मे नीम के वृक्ष की छाल ,पत्तियों एवं तेल का उपयोग किया जाता हैं|वृक्ष सूर्य के प्रकाश की उपस्थिती मे प्रकाश संश्लेषण की क्रिया करते है जिसमे वे कार्बन डाइऑक्साइड को ग्रहण करते हैं तथा प्राणवायु  ऑक्सीज़न उत्सर्जित करते हैं|इस प्रकार वृक्षारोपण से ग्रीनहाउस प्रभाव के रोकथाम मे सहायता मिलती हैं |वृक्ष पक्षियो को रहने के लिए घर प्रदान करते है |ग्रीष्म ऋतु मे वृक्षो की छाया मे पशु पक्षियो एवं मनुष्यो को भी सूर्यताप से बचने की शीतल जगह मिलती है |वृक्षो की जड़ो से मृदा अपरदन की क्रिया कम होती हैं एवं वृक्ष मृदा मे भूमिगत जल को संचित रखने मे सहायक होते हैं| इस प्रकार वृक्षारोपण के अनेक लाभ है। इसलिए प्रतिवर्ष जुलाई के प्रथम सप्ताह मे वृक्षारोपण के लिए विशेष वन महोत्सव मनाया जाता है । वृक्षारोपण को बढ़ावा देने के लिए रेडियो , टेलिविजन , समाचार पत्र आदि संचार  के साधनो के माध्यम से लोगो मे इस के प्रति जागरूकता फेलाना चाहिए।




                                  Smt. Manisha shaw, Venkatesh, Despande ji,




इस प्रकार वृक्ष एक सच्चे मित्र की भांति , मनुष्य एवं सम्पूर्ण जीव मण्डल की निष्पक्ष रूप से निस्वार्थ सहायता करते हैं | इसलिए सभी को  वृक्षारोपण  करना चाहिए।


Link :

Short Essay on 'Tree Plantation 'Vriksharopan' par Nibandh (270 Words)

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