A Requiem to Smt. Sushila Thakur (28,Nov,1931-21,June,2016) !
A Requiem to Smt. Sushila Thakur (28,Nov,1931-21,June,2016) ! अपने तई डायरी के पन्नो मे स्मृतियों का दंश ! विगत २१ जून २०१६ को वरिष्ठ कथाकार व समीक्षक डा. देवेश ठाकुर की जीवन संगिनी श्रीमती सुशीला ठाकुर का देहावसान हो गया था इस दुखदः घटना के बाद सा समीचीन का अंक में देवेश जी द्वारा लिखी गयी डायरी के पुश्टों पर लगभग बचपन वर्षों तक जीवन के सुख दुःख में साथ साथ जीवन व्यतीत करनेवाली जीवन संगिनी का इस तरह चले जाना उनके लिए ही नहीं बल्कि हम मित्रो, और परिजनों के लिए भी अत्यंत ही मारक रहा है देवेश जी की संवेदना के मार्मिक अभिव्यक्ति दाखल किया गया है उन्होंने २१ जून २०१६ से २३ जुलाई २०१६ के बीच तक बिता संकट मई पलों को कैद कर किताब में लिख कर पढने वालों के साह शेयर किया है श्रीमती सुशीला ठाकुर ,देवेश जी ने इस कठिन समय में अपने आपको संभाला है स्मृतियों के दंश को इन पत्रोमे अभिव्यक्त कर शायद उनके दुखः का एहसास कुछ शमित हुवा होगा ऐसी उमीद्द है डाइरी के यह पुष्ट देवेश जी की करुणा, प्रेम और संवेदना के साथ साथ दुखः से भरी मनः स्थिति और उनके व...